ऐतिहासिक कहानियों वाली फिल्मों की तो बात ही जुदा होती है। पर कई बार नए ज़माने की फिक्शन वाली कहानी से सजी फिल्मों के गानों में भी क्रिएटिविटी दिखाने के लिए ऐतिहासिक चरित्रों का जिक्र कर दिया जाता है। गुलजार साहब ने इश्कियां फिल्म के एक गाने में ऐसे ही मोरक्को के मुस्लिम ट्रेवलर इब्न बतूता का जिक्र करते हुए बताया था की कैसे उनका जूता पहनने के बाद चुर्र चुर्र की आवाज़ करता था। बहरहाल इस लेख में हम इब्न बतूता की नहीं बल्कि बात करेंगे “अर्जन वैली” की जिसने “पैर जोड के गंडासी मारी” है रणबीर कपूर की फिल्म एनिमल के एक गाने में और यह गाना आजकल बेहद पसंद भी किया जा रहा है।
“हो खड़े विच डांग खड़के, ओथे हो गई लड़ाई भारी.. अर्जन वैली ने पैर जोड के गंडासी मारी” रणबीर कपूर की फिल्म एनिमल का ये गाना आजकल हर किसी की जुबान पर चढ़ा हुआ है। गाने में रणबीर खून खराबे की पुरानी हर लिमिट को क्रॉस करते नजर आ रहे हैं। इस गाने में पंजाब के मिट्टी की महक है और ऐसा इसलिए है क्योंकि यह गाना एक पाॅपुलर पंजाबी फोक ट्यून पर बेस्ड है। इस गाने को ढाडी-वार संगीत के स्टाइल में तैयार किया गया है। दरअसल इस स्टाइल के गाने 10वें सिख गुरु श्री गोविंद सिंह जी ने मुगलों से युद्ध के समय अपने लोगों के बीच साहस पैदा करने और जोश भरने के लिए गाया था। यह सिर्फ एक गाना नहीं बल्कि किसी युद्धघोष की तरह प्रतीत होता है।
बहरहाल गाने के स्टाइल और लहजे की तो बात हो गई पर इस गाने को सुनने के बाद हर किसी के मन में एक ही सवाल उभरता है और वो सवाल है.. आखिर ये “अर्जन वैली कौन है?” आइये जानते हैं अर्जुन सिंह नलवा उर्फ़ “अर्जन वैली” की कहानी।
कौन हैं अर्जुन सिंह नलवा?
पंजाब और भारतीय इतिहास में महाराजा रणजीत सिंह एक बड़े योद्धा के तौर पर जाने जाते हैं। 19 वीं सदी के शुरुआत में जब हिंदुस्तान में मुगल कमजोर पड़ चुके थे तब पाकिस्तान तत्कालीन पंजाब को अफगानों से सुरक्षित रखने में रणजीत सिंह का बड़ा योगदान था। इन्हीं रणजीत सिंह की सेना में हुए प्रसिद्ध सिख कमांडर हरी सिंह नलवा जिनके पुत्र थे अर्जुन सिंह नलवा। पिता की मौत के बाद जब देश में अंग्रेजों का सिकंजा कसने लगा तब अर्जन सिंह नलवा अपने भाई जवाहिर सिंह नलवा के संग मिल कर अंग्रेजों के खिलाफ बहादुरी से लड़ते रहे।
“अर्जन वैली” गाने में इन्हीं अर्जुन सिंह नलवा की वीरगाथा को रणबीर कपूर के चरित्र को एनिमल फिल्म में बेहद हिंसक दिखाने के लिए गाने के रूप में इस्तेमाल किया गया है। फिल्म में यह गाना पिता और पुत्र के रिश्ते को दर्शाता है। जैसे इतिहास में अर्जन वैली यानी अर्जुन सिंह नलवा अपने पिता हरी सिंह नलवा की मृत्यु के बाद अंग्रेजों से लोहा लिया कुछ वैसे ही फिल्म में रणबीर के पिता का चरित्र निभा रहे अनिल कपूर पर हुए हमले के बाद रणबीर बेहद हिंसक होते हुए इसका बदला लेते हैं और इस दौरान ही ये जबरदस्त गाना बजता है।
किसे कहते हैं वैली?
अर्जन सिंह की कहानी तो आपको समझ आ गई होगी पर अब भी आपको ये समझ नहीं आया होगा की “अर्जन वैली” गाने में ये “वैली” क्या बला है? दरअसल संयुक्त पंजाब (पाकिस्तानी पंजाब और भारतीय पंजाब एवं हरियाणा) के क्षेत्र में “वैली” शब्द ऐसे व्यक्ति को संबोधित करने के लिए उपयोग किया जाता है जो हर वक़्त लड़ाई करने के लिए रेडी रहता हो और उसे कायदे कानून की को फ़िक्र न हो। अब आपको अर्जन और वैली का कनेक्शन समझ आ गया होगा।
बहरहाल बता दें की “अर्जन वैली” गाने को भूपिंदर बब्बल ने आवाज़ दी है। इस फिल्म को संदीप रेड्डी वांगा ने निर्देशित किया है जिनकी पिछली फिल्म कबीर सिंह बेहद पसंद की गई थी। हालाँकि बहुत सारे फिल्म क्रिटीक ने “कबीर सिंह” को हिंसक फिल्म बताया था फिर भी इसे खूब दर्शक मिले और इसने बॉक्स ऑफिस पर भी बड़े बड़े रिकॉर्ड बना दिए थे। अब संदीप रेड्डी वांगा एनिमल फिल्म के साथ आ रहे हैं जो “कबीर सिंह” से भी ज्यादा हिंसक फिल्म जान पड़ती है। इसीलिए इस फिल्म को सेंसर बोर्ड द्वारा A सर्टिफाइड किया गया है यानी इस फिल्म को 18 वर्ष से अधिक की आयु के लोग ही देख सकते हैं।