हिन्दू मान्यताओं के अनुसार सम्पूर्ण संसार के पालनहार भगवान विष्णु पिछले चार महीने से चिरनिद्रा में रहने के बाद आज के दिन ही जागते हैं ।
पंचांग के अनुसार यह दिन जेउठानी एकादशी कहलाता है। कहा जाता है कि आज के दिन ही भगवान विष्णु शालिग्राम रूप में तुलसी जी से विवाह करते है।इसीलिए इस शुभ दिन को तुलसी विवाह के रूप में भी बड़े धूमधाम से मंदिरों और घरों में मनाया जाता है।
आज के इस शुभ दिन से ही सभी मांगलिक कार्य जैसे उपनयन संस्कार,मुंडन, नामकरण,विवाह और गृहप्रवेश आदि। आज के दिन उत्तर भारत मे महिलाएं गंगा स्नान करके व्रत रखती है और भगवान विष्णु की विधिवत पूजा अर्चना करती है।
मान्यता है कि भगवान विष्णु आषाढ़ पक्ष के शुक्ल एकादशी के दिन चार महीने के लिए निद्रा में जाते है। फिर आज के दिन यानी कि कार्तिक माह के शुक्ल एकादशी के दिन ही निद्रा से जागते है। इस चार महीने भगवान के शयन में होने के कारण ही हिन्दू रिवाजो में सभी मांगलिक कार्य वर्जित होते है।
आज घरों में तुलसी का पौधा लगाने का भी रिवाज है। महिलाएं विधिवत पूजा के द्वारा तुलसी पौधा अपने घर के आंगन में लगती है।
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